Kaal Sarp Dosh: 12 प्रकार के होते हैं कालसर्प दोष, कुंडली में निर्माण और समाधान

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh): कारण, लक्षण और निवारण- काल सर्प दोष भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण दोष माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसे सही तरीके से समझना और इसके प्रभाव को कम करने के उपाय करना बहुत जरूरी होता है। इस ब्लॉग में, हम काल सर्प दोष के कारण, लक्षण और उपायों के साथ ही साथ निम्नलिखित विषयों पर चर्चा करेंगे।

  • काल सर्प दोष क्या है?
  • काल सर्प दोष के प्रकार
  • काल सर्प दोष से होने वाली समस्याएँ
  • काल सर्प दोष के उपाय
  • निष्कर्ष

Kaal Sarp Dosh

Kaal Sarp Dosh

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh)

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) क्या है?

  • काल सर्प दोष तब बनता है जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच मे आ जाते हैं।
  • राहु को छाया ग्रह और महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक माना जाता है।
  • केतु को अतीत और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है।
  • जब ये दोनों ग्रह कुंडली में प्रभावी होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता, बाधाएं और संघर्ष बढ़ जाता हैं।

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के प्रकार

काल सर्प दोष 12 प्रकार होते हैं, जो राहु और केतु की स्थिति पर निर्भर करते हैं। 12 प्रकार के काल सर्प दोष निम्नलिखित है।

  1. अनंत काल सर्प दोष: जब लग्न मे राहु और सप्तम भाव मे केतु होता है।
  2. कुलिक काल सर्प दोष: जब द्वितीय भाव मे राहु और अष्टम भाव मे केतु होता है।
  3. वासुकि काल सर्प दोष: जब तृतीय भाव मे राहु और नवम भाव मे केतु होता है।
  4. शंखपाल काल सर्प दोष: जब चतुर्थ भाव मे राहु और दशम भाव मे केतु होता है।
  5. पद्म काल सर्प दोष: जब पंचम भाव मे राहु और एकादश भाव मे केतु होता है।
  6. महापद्म काल सर्प दोष: जब खष्टम भाव मे राहु और द्वादश भाव मे केतु होता है।
  7. तक्षक काल सर्प दोष: जब सप्तम भाव मे राहु और प्रथम भाव मे केतु होता है।
  8. कर्कोटक काल सर्प दोष: जब अष्टम भाव मे राहु और द्वितीय भाव मे केतु होता है।
  9. शंखचूड़ काल सर्प दोष: जब नवम भाव मे राहु और तृतीय भाव मे केतु होता है।
  10. घातक काल सर्प दोष: जब दशम भाव मे राहु और चतुर्थ भाव मे केतु होता है।
  11. विषधर काल सर्प दोष: जब एकादश भाव मे राहु और पंचम भाव मे केतु होता है।
  12. शेषनाग काल सर्प दोष: जब द्वादश भाव मे राहु और खष्टम भाव मे केतु होता है।

इसे भी पढ़ें:

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) से होने वाली समस्याएँ

  • वैवाहिक जीवन और स्वास्थ्य समस्याएँ।
  • आर्थिक परेशानियों और पारिवारिक तनाव का कारण।
  • करियर और संपत्ति से जुड़ी समस्याएँ।
  • जीवन में बार-बार असफलता।
  • शादी और रिश्तों में समस्याएं।
  • आर्थिक स्थिरता का अभाव।
  • डरावने सपने देखना।
  • स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, विशेषकर त्वचा और मनोवैज्ञानिक रोग।
  • पारिवारिक कलह और अशांति।
  • नौकरी या व्यवसाय में बाधाएं।

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के उपाय

  • राहु और केतु के लिए मंत्र जाप करें: राहु के लिए ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः और केतु के लिए ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
  • ॐ नमः शिवाय का 108 बार नित्य जाप करें।
  • शिव पूजा करें: शिवलिंग पर नियमित रूप से जल और दूध चढ़ाएं और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • नाग पूजा: नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करें।
  • काले तिल और काले वस्त्र का दान करें।
  • हनुमान जी की आराधना: हनुमान चालीसा और सुंदरकाण्ड का पाठ करें।
  • मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान मंदिर जाएं।
  • रुद्राक्ष धारण करें: काल सर्प दोष से बचाव के लिए 8 मुखी या 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

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क्या काल सर्प दोष वास्तव में बुरा होता है?

यह मान्यता है कि काल सर्प दोष के कारण जीवन में कठिनाइयां आती हैं, लेकिन यह पूरी तरह नकारात्मक नहीं होता। अगर व्यक्ति मेहनत करता है और उचित ज्योतिषीय उपाय करता है, तो जीवन में सफलता पाई जा सकती है।

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) निष्कर्ष

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) व्यक्ति के जीवन को चुनौतीपूर्ण बना सकता है, लेकिन सही उपायों और सकारात्मक दृष्टिकोण के जरिए इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। अगर आपको लगता है कि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है, तो घबराएं नहीं। शांत मन से उपाय करें और नियमित पूजा-अर्चना करें।

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