मेष लग्न (Mesh Lagna) की यदि बात की जाय तो काल पुरुष की कुंडली मे प्रथम भाव यानि की पहला घर ही मेष लग्न से शुरू होता है। मेष राशि, जिसे अंग्रेजी में Aries कहा जाता है। इस लग्न के जातक मंगल ग्रह के प्रभाव मे होते है क्योकि इस लग्न के जातक का स्वामी ग्रह मंगल ग्रह होता है।
मेष लग्न (Mesh Lagna) के जातक की विशेषताए – Aries Ascendant
जिस किसी के जन्म कुंडली मे पहले घर मे यदि 1 नंबर लिखा है तो ऐसा जातक मेष लग्न (Mesh Lagna) वाला होता है। मंगल साहस, ऊर्जा और अकर्मण्यता का प्रतीक होता है। दूसरा ये की मंगल ग्रह के प्रभाव मे होने के कारण इनके अंदर ऊर्जा बहुत होती है। इनके अंदर साहस और आत्मविश्वास बहुत होता है।
मेष लग्न (Mesh Lagna) के जातक के यदि शारीरिक बनावट की बात करे तो ये कुछ गोलाई लिए होते है। मेष लग्न का जातक उम्र मे कम दिखते है। यह एक उत्तेजक और शक्तिशाली राशि है। मेष लग्न वाले जातक साहसी, स्वतंत्र और सामर्थ्यशाली होते हैं। मेष लग्न के जातक का स्वभाव थोड़ा क्रोधी होता है इसलिए इन्हे धैर्य, समझदारी और संयम के साथ रहना चाहिए। ये काफी चतुर भी होते है।
मेष लग्न (Mesh Lagna) के जातक नेतृत्व का गुण रखते हैं और जीवन में उच्चतम मान्यता को प्राप्त करने के लिए कठिनाइयों से लड़ने को तैयार रहते हैं। मेष लग्न कुंडली के जातक बहुत संघर्ष करने के लिए जाने जाते हैं।
मेष लग्न (Mesh Lagna) के जातक जितना जल्दी किसी पर नाराज होते है उतनी ही जल्दी ये प्रसन्न भी होते है। इंका स्वभाव काफी परिश्रमी और पराक्रमी होता है जिसकी वजह से ये हमेशा सफल होते हुए देखे गए है। इनके अंदर अभिमान भी बहुत जल्द ही आ जाता है जिसकी वजह से ये कभी कभी अपने सम्मान को भी चोट पहुचा देते है। वैसे तो ये काफी सम्मान पाना चाहते है। इस लग्न के जातक कभी कभी काफी सेलफिश होते हुए भी देखे गए है।
लग्न स्वामी | मंगल ग्रह |
लिंग | पुरुष |
जाति | क्षत्रिय |
तत्व | अग्नि |
इष्ट देव | शिव जी और हनुमान जी |
अनुकूल रंग | लाल |
मेष लग्न (Mesh Lagna) कारक ग्रह (शुभ ग्रह) और मारक ग्रह (अशुभ ग्रह) – Aries Ascendant
सूर्य | मेष लग्न के जातको की जन्म कुंडली मे सूर्य राशि को पाचवा घर मिला होता है जो की पंचमेश होता है। पंचमेश होने के कारण सूर्य मेष लग्न के जातको के लिए कारक ग्रह बन जाता है। |
चंद्रमा | मेष लग्न के जातक की कुंडली मे चंद्रमा को चौथा घर मिला होता है और जो केंद्र मे होता है। केंद्र मे होने के कारण चंद्रमा भी मेष लग्न के जातक के लिए कारक ग्रह बन जाता है। |
मंगल | मेष लग्न के जातक की कुंडली मे मंगल को लग्न और अष्टमेश का स्वामी ग्रह माना जाता है, वैसे तो अष्टमेश मे जो राशि होती है वो मारक हो जाती है परंतु मेष लग्न के जातक का स्वामी ग्रह खुद मंगल होता है और केंद्र का घर भी मिलने के कारण मेष लग्न मे मंगल कारक ग्रह बन जाता है। |
बुध | मेष लग्न के जातक के लिए बुध को तीसरे और छठे घर का स्वामित्व मिला है। तीसरा घर कठिन परिश्रम करवाता है और छठवा घर रोग, ऋण और शत्रु का होता है , साथ ही छठवे घर मे जो राशि होती है वो मारक बन जाती है, इसलिए बुध ग्रह मेष लग्न के जातको के लिए मारक ग्रह बन जाता है। |
गुरु | मेष लग्न के जातको की जन्म कुंडली मे गुरु ग्रह को दो घर मिला हुआ है, नवा घर यानि भाग्य भाव और बरहवा घर यानि व्यय भाव, परंतु त्रिकोण का एक भाव मिलने की वजह से गुरु ग्रह मेष लग्न की जन्म कुंडली मे कारक ग्रह बन जाता है। |
शुक्र | मेष लग्न मे शुक्र ग्रह को भी दो घर मिला हुआ है दूसरा घर और सातवा घर, दूसरे और सातवे घर का स्वामित्व मिलने के कारण मेष लग्न की कुंडली मे शुक्र मारक ग्रह बन जाता है। |
शनि | मेष लग्न की जन्म कुंडली मे शनि को भी दो घर का स्वामित्व प्राप्तहै कर्म भाव यानि की दसवा घर और लाभ भाव यानि की ग्यारहवा घर, परंतु शनि लग्नेश यानि की मंगल के अति शत्रु भी है इसलिए शनि मेष लग्न की जन्म कुंडली मे सम ग्रह बन जाते है। |
मेष लग्न (Mesh Lagna) के लिए रत्न (Gemstones) – Aries Ascendant
- मेष लग्न (Mesh Lagna) के जातको को मूंगा, माणिक्य और पुखराज धरण करना शुभ फल देता है परंतु ध्यान रखना होगा की जातक के जन्म कुंडली मे मंगल, सूर्य और गुरु छठवे, आठवे और बरहवे घर मे न बैठे हो।
- मेष लग्न (Mesh Lagna) के जातक को कभी भी पन्ना, हीरा, ओपल और नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
- Moonstone की पहचान कैसे करे और जानें इसे धारण करने के फायदे
- 12 Houses in Astrology
- रत्नों को धारण करने से पहले जान लीजिए ये जरुरी बातें
- कुंडली के बारह 12 भावों में केतु का प्रभाव
- जानिए किस ग्रह को मजबूत करने से क्या होगा
यदि आपने हमारे संस्थान से या कही और से भी IIGJ Certified रत्न लिया है तो आप यहाँ चेक कर सकते है।