मेष राशि का दुश्मन कौन है? – ज्योतिष शास्त्र के राशि चक्र मे सबसे पहली राशि मेष राशि होती है। मेष राशि के जातक का स्वभाव काफी उग्र होता है साथ ही इनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता काफी अधिक होती है। इस राशि के जातक हमेशा नयी चुनौतियों के लिए तैयार रहते है। मेष राशि के जातक का स्वभाव काफी अक्रामक भी होता है जिसकी वजह से ये कभी कभी अपने आप को परेशानी मे भी डाल देते है।
मेष राशि का दुश्मन कौन है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ राशियाँ ऐसी होती हैं जो मेष राशि की शत्रु होती है। इन राशियो के बारे मे विवरण निम्नलिखित है।
कर्क राशि
- कर्क राशि एक जल प्रधान राशि होती है वही पर मेष राशि अग्नि प्रधान राशि होती है। जल और अग्नि एक दूसरे से बिलकुल बिपरित होता है इसलिए ये दोनों राशियाँ एक दूसरे की विरोधी होती है।
- जहां एक तरफ कर्क राशि भावनात्मक और सवेदनशील होती है वही पर मेष राशि आवेशी और आक्रामक होती है, जिसकी वजह से इन दोनों राशियों के बीच संघर्ष अधिक होता है।
कन्या राशि
- कन्या राशि पृथ्वी तत्व की राशि होती है, जबकि मेष अग्नि तत्व की राशि है।
- जहां पर कन्या राशि अनुकूल और व्यावहारिक होती है वही पर मेष राशि दृढ़ निश्चयी और हठी होती है। इन दोनों राशियों के बीच जीवन के प्रति दृष्टिकोण बहुत ही अलग होता है इसलिए इनका साथ चलना बहुत ही मुश्किल होता है।
वृश्चिक राशि
- वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि होती है वही पर मेष राशि अग्नि तत्व की राशि होती है।
- ये दोनों ही राशियाँ बहुत ही भावुक और तेज तराक होती है, लेकिन ये अपने भावनाओ को अलग तरह से व्यक्त करती है। वृश्चिक राशि गुप्त और जोड़ तोड़ करने वाली होती है वही पर मेष राशि ईमानदार और प्रत्यक्ष होती है, इसलिए इन दोनों राशियों के बीच बहुत ही अधिक आक्रोश पैदा हो सकता है।
बेशक, सभी मेष राशि वाले इन राशियों के दुश्मन नहीं होंगे। यह वास्तव में व्यक्ति के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है और वे दूसरों के साथ कैसे बातचीत करते हैं। हालाँकि, यदि आप मेष राशि के हैं, तो आपको इसके बारे में पता होना चाहिए।
मेष राशि का दुश्मन कौन है? शत्रुओं से निपटने के लिए कुछ सुझाव
- प्रत्यक्ष और ईमानदार रहें।
- मेष राशि वाले लोग स्वतंत्र होते है, इसलिए अपने स्वतन्त्रता की रक्षा करे और उस पर हावी होने की कोशिश न करे।
- मेष राशि वाले कभी हार नहीं मानते, और समझौता करने के लिए तैयार नहीं होते है लेकिन अगर आपको लगता है की समझौता आपके हित मे है तो आप समझौता के लिए तैयार रहे।
- यदि आपको लगता है की आपका संबंध बहुत अधिक तकलीफ दे रहा है तो ऐसे मे आपको दूरी बना लेना ही सबसे अच्छा हो सकता है।